बिहार में ज़मीन खरीदना या बेचना जितना जरूरी है, उतना ही जोखिम भरा भी हो सकता है अगर आप सतर्क न रहें। आज भी राज्य में हर साल सैकड़ों केस ऐसे सामने आते हैं जिनमें फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए लोगों की जमीन हड़प ली जाती है। ऐसे में जागरूक रहना बेहद जरूरी है। इस लेख में हम आपको बताएंगे 5 ऐसे आसान तरीके जिनसे आप जमीन से जुड़े धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
अपनी जमीन की ऑनलाइन जानकारी जरूर चेक करें
बिहार सरकार का एक पोस्टल है जहां आपको सब कुछ ऑनलाइन मिलेगा। यह Bihar Bhumi Portal (lrc.bih.nic.in) जो अब आम नागरिकों के लिए पूरी जमीन की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराता है।
यहां से आप पता कर सकते हैं:
- ज़मीन का खेसरा नंबर
- रजिस्ट्रेशन डिटेल्स
- मालिक का नाम
- पिछला लेन-देन
जमीन खरीदने से पहले इस वेबसाइट पर जाकर जमीन की वैधता जरूर चेक करें।
मूल रसीद और खतियान की जांच करें
कई बार दलाल फर्जी खतियान और रसीद दिखाकर जमीन बेच देते हैं। इससे जरूर सावधान रहें:
- मूल खतियान और रसीद की प्रति देखें और उसकी फोटोस्टेट न लें, असली डॉक्यूमेंट की जांच करें।
- रसीद पर दिए गए रसीद नंबर को जिला रसीद काउंटर पर जाकर क्रॉस चेक करें।
Registry से पहले Mutation (दखल कब्जा) की स्थिति चेक करें
अगर किसी जमीन का म्यूटेशन नहीं हुआ है या उसमें विवाद है, तो उस जमीन को खरीदना बड़ा जोखिम हो सकता है। Mutation प्रमाणपत्र से यह साफ हो जाता है कि जमीन किसके नाम पर दर्ज है और क्या उस पर कोई विवाद या बकाया नहीं है। इस लिए कोई भी जमीन को खरीदने से पहले अभी तरह से जांच करें.
स्थानीय लोगों और पड़ोसियों से पूछताछ करें
बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री में स्थानीय जानकारी बहुत मूल्यवान होती है।
वहां के लोग हीं बताएंगे कि वो जमीन किनकी है और कैसी है, खरीदने से पहले इसकी जानकारी जरूर लें:
- गांव के मुखिया, पंचायत सदस्य या बुजुर्गों से पूछें कि जमीन पर कोई विवाद तो नहीं।
- पड़ोसी किसानों या ज़मीन मालिकों से पुष्टि करें कि बेचने वाला असली मालिक है या नहीं।
कभी भी नकद भुगतान न करें, बैंक से ट्रांजैक्शन करें
अक्सर फर्जी जमीन डील में सारा लेन-देन नकद में किया जाता है, जिससे बाद में धोखाधड़ी का पता भी नहीं चलता। अगर आप कहीं भी जमीन खरीद रहे हैं तो उसकी दुकान ऑनलाइन करें इसे आपके पास सबूत रहेगा कि उन्हें पैसा दिया गया है, बचाव के लिए:
- RTGS/NEFT या चेक के माध्यम से ही भुगतान करें।
- भुगतान का पूरा रिकॉर्ड रखें ताकि बाद में कोई कानूनी कार्रवाई करनी पड़े तो आपके पास सबूत हों।
निष्कर्ष:
बिहार में जमीन खरीदते वक्त सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है। थोड़ी सी जांच-पड़ताल से आप लाखों का नुकसान होने से बच सकते हैं। अगर आपको शक हो कि कोई दस्तावेज़ फर्जी है, तो तुरंत लोकल प्रशासन या नजदीकी थाना में शिकायत दर्ज करें।
याद रखें: “जमीन से ज्यादा कीमती आपकी मेहनत की कमाई है, उसे गलत हाथों में जाने न दें।”