Bihar Land Survey Project 2025: बिहार सरकार ने राज्य के ग्रामीण इलाकों में जमीनों की पहचान, स्वामित्व, और रजिस्ट्रेशन को पारदर्शी और डिजिटल बनाने के लिए एक नई पहल शुरू की है। इस लैंड सर्वे अभियान ने गांव के लोगों में भरोसा और राहत दोनों ला दी है।
अब तक जमीन को लेकर चल रही विवादों की समस्या, झगड़े और धोखाधड़ी के केस में यह कदम एक बड़ा सुधार साबित हो सकता है।
क्या है यह नया लैंड सर्वे प्रोजेक्ट?
बिहार सरकार द्वारा शुरू किया गया यह लैंड सर्वे प्रोजेक्ट एक Digitized Land Record Initiative है। इसके तहत गांव-गांव जाकर जमीन की नपती (measurement), ownership verification, mutation status और land classification किया जा रहा है।
- इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत सभी Plot Number, Owner Details, Khatian Number, Area Details आदि को डिजिटल पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा।
- यह सर्वे DGPS (Differential Global Positioning System) तकनीक की मदद से हो रहा है, जिससे सटीकता और पारदर्शिता बनी रहे।
कैसे बदल रही है गांव की तस्वीर?
पारदर्शिता (Transparency in Land Records)
पहले जहां ज़मीन को लेकर अक्सर झगड़े होते थे, अब गांव के लोग खुद ऑनलाइन देख सकते हैं कि उनकी ज़मीन कौन-सी है और उसमें क्या स्टेटस है।
लड़ाई झगड़ों पर लगाम (Reduced Land Disputes)
सरकारी रिकॉर्ड से मिलान के बाद अब कोई भी ज़मीन हड़पने की कोशिश नहीं कर सकता। इससे land dispute resolution तेज़ और सटीक हुआ है।
किन जिलों में शुरू हो चुका है सर्वे?
Land Survey Bihar Districts List 2025: इस परियोजना की शुरुआत पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ जिलों में की गई है, जैसे:
- पटना (Patna)
- गया (Gaya)
- मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur)
- मधुबनी (Madhubani)
- भागलपुर (Bhagalpur)
- सिवान (Siwan)
- वैशाली (Vaishali)
बिहार सरकार की योजना है कि 2026 तक पूरे राज्य में यह सर्वे पूरा कर लिया जाए।
डिजिटल खतियान और म्युटेशन सुविधा
सरकार ने साथ में ही Bihar Digital Khatian Facility और Online Mutation Service भी लागू कर दी है। अब लोग अपने मोबाइल या साइबर कैफे से:
- अपना खतियान (land ownership record)
- जमीन का नक्शा (land map Bihar)
- Mutation status
- Tax payment status
ऑनलाइन देख सकते हैं और PDF फॉर्मेट में डाउनलोड भी कर सकते हैं।
लोगों की प्रतिक्रिया, गांवों में क्यों है खुशी की लहर?
बिहार के गांव वालों का कहना है कि इससे अब पंचायत और जमीन दलालों की मनमानी खत्म हो रही है। “पहले हमें जमीन के लिए थाने–कोर्ट जाना पड़ता था, अब मोबाइल से सबकुछ दिखता है”, एक किसान ने बताया।
निष्कर्ष (Conclusion)
Bihar Land Survey Project 2025 एक ऐसा कदम है जो न सिर्फ किसानों की जमीन को सुरक्षित करेगा, बल्कि राज्य के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में भी मील का पत्थर साबित होगा।
सरकार का यह प्रयास ग्रामीण भारत को डिजिटल भारत से जोड़ने की दिशा में एक सार्थक और ठोस पहल है।
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